CG Samvida Niyam: डीई या मुकदमा अब संविदा भर्ती के लिए ब्रेकर नहीं, छत्तीसगढ़ संविदा भर्ती नियम में अहम संशोधन
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CG Samvida Niyam: रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2012 में बने छत्तीसगढ़ संविदा नियम में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। संविदा नियुक्तियों के लिए अब विभागीय जांच, अपराधिक मुकदमा अब ब्रेकर नहीं बनेगी। जांच उपरांत अगर सजा या दंड नहीं मिला है या जांच जारी है, इस आधार पर संविदा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने यह आदेश जारी किया है। 3 अगस्त को इसे राजपत्र में प्रकाशित भी कर दिया गया। यानी 3 अगस्त 2023 से यह प्रभावशील हो गया है।
2012 में बना संविदा भर्ती नियम CG Samvida Niyam
पिछली सरकार में कुछ अफसरों की नियुक्ति के खिलाफ जब कोर्ट में याचिकाएं लग रही थीं तो तात्कालिक मुख्य सचिव सुनील कुमार ने संविदा भर्ती नियम बनाया था। इसकी ड्राफ्टिंग उन्होंने खुद की थी। यही वजह रही कि सभी याचिकाएं बिलासपुर हाई कोर्ट से खारिज हो गईं थीं।
ये था नियम में... CG Samvida Niyam
संविदा भर्ती नियम में ये शर्त थी कि किसी सरकारी मुलाजिम या अधिकारी के खिलाफ अगर विभागीय जांच चल रही या मुकदमा चल रहा या फिर गोपनीय चरित्रावली उच्च स्तर की न हो या कोई अभ्यावेदन लंबित हो तो वह संविदा नियुक्ति के पात्र नहीं होगा। सामान्य प्रश्न विभाग के सचिव ने इसमें संशोधन कर दिया है। अब जब तक विभागीय जांच या किसी केस में सजा या दंड नहीं, तब तक संविदा पोस्टिंग से किसी को अयोग्य नहीं माना जाएगा। बता दें, छत्तीसगढ़ में अभी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस से लेकर नीचे तक करीब 50 हजार लोग संविदा में काम कर रहे हैं। हालांकि, संविदा नियम में संशोधन रिटायर अधिकारियों और कर्मचारियों के संदर्भ में है।